बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली गई मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को पार्टी सांसदों के साथ बैठक की. ममता की अध्यक्षता में तृणमूल संसदीय दल की यह बैठक दोपहर 1 बजे से राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय के आवास पर हुई.
सूत्रों के मुताबिक पेगासस समेत कीमत वृद्धि, वैक्सीन और जनहित से जुड़े मुद्दों पर केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई. बैठक में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी, लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन और टीएमसी की लोकसभा और राज्यसभा के लगभग सभी सांसद मौजूद थे.
गौरतलब है कि हाल ही में तृणमूल संसदीय दल की अध्यक्ष चुने जाने के बाद ममता की पार्टी सांसदों के साथ यह पहली मुलाकात थी। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने संसद से लेकर सड़क व अन्य पहलुओं पर सभी सांसदों समेत अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को अहम सुझाव दिए.

गौरतलब है कि ममता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता कमलनाथ, आनंद शर्मा और अभिषेक मनु सिंघवी के साथ बैठक की। ममता आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने जा रही हैं. इसके अलावा वह शाम छह बजे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगी। सोनिया गांधी से मिलने से पहले ममता ने पार्टी नेताओं के साथ रणनीति तय की. पेगासस मुद्दे पर टीएमसी सांसद संसद में लगातार हंगामा कर रहे हैं और सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.
विरोधी दलों को एकजुट करने में जुटी हैं ममता
ममता को हाल ही में तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया गया है और उनके भतीजे व सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में ममता केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने और विपक्षी दलों को एकजुट करने के इरादे से विपक्षी नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं.
ममता 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रही हैं. लगातार तीसरी बार बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ममता का दिल्ली का यह पहला दौरा है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता खुद को तीसरे मोर्चे के चेहरे के रूप में देखना चाहती हैं। ममता के दिल्ली दौरे को राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.