जयपुर, 18 जून (हि.स.)। सचिन पायलट खेमे की नाराजगी और कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन के एक बयान ने उन राजनीतिक चर्चाओं पर विराम लगा दिया है जिनमें पायलट और आलाकमान के बीच तकरार को मुद्दा बनाया जा रहा था. प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पायलट को आलाकमान के नेताओं से समय नहीं मिलने से इनकार करते हुए एक बार फिर उन्हें कांग्रेस की संपत्ति बताया है.
माकन ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि सचिन पायलट को अपॉइंटमेंट नहीं देने की बात निराधार है, ऐसा कुछ नहीं है. सचिन पायलट एक वरिष्ठ नेता हैं, एक तरह से कांग्रेस की संपत्ति हैं, बल्कि मैं कहूंगा कि वह कांग्रेस के स्टार हैं और स्टार प्रचारक हैं। ऐसे एसेट और स्टार प्रचारकों के लिए यह बिल्कुल असंभव है कि वे किसी नेता से मिलना चाहें और उन्हें समय न मिले। माकन ने कहा कि प्रियंका गांधी 10 दिन से दिल्ली में नहीं हैं तो कैसे मिलतीं. प्रियंका गांधी ने उनसे बात की है, उन्होंने और वेणुगोपाल ने भी उनसे बात की है. प्रियंका गांधी, वेणुगोपाल और वह सचिन पायलट से लगातार बातचीत कर रहे हैं. पायलट समय मांगते हैं और नहीं मिलना संभव नहीं है। उसने समय भी नहीं मांगा।

कैबिनेट में जगह न मिलने समेत कई मुद्दों पर विधायकों की बयानबाजी के सवाल पर माकन ने कहा कि विधायकों को समझना चाहिए कि कांग्रेस त्याग और त्याग से पैदा हुई है. कैबिनेट में नौ रिक्तियां हैं, कई राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, सभी पर काम चल रहा है. हम मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, सचिन पायलट समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं से बात कर अच्छे लोगों की नियुक्तियां कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पायलट शुक्रवार 10 जून को दिल्ली गया था। उसके बाद से कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमे के बीच जिस तरह बयानबाजी हो रही है और आम लोगों तक जाने वाले संदेश के पीछे वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी बड़ी वजह रही है पु रूप। माकन के बयान के बाद कांग्रेस में गहलोत खेमे द्वारा सचिन पायलट को लेकर बनाया गया नकारात्मक माहौल फिर से बदल गया है. पहले गहलोत खेमे की ओर से प्रचारित किया गया था कि पायलट को मुख्यमंत्री की ओर से आलाकमान को कोई कीमत नहीं दी जाएगी, लेकिन इसे उलट दिया गया है. अजय माकन के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि गहलोत पायलट के झगड़े में प्रियंका गांधी समान रूप से हस्तक्षेप करेंगी और गहलोत को संख्या के खेल के पक्ष में होने के बावजूद कैबिनेट और राजनीतिक नियुक्तियों पर निर्णय लेने की एकतरफा स्वतंत्रता नहीं मिलने वाली है।
प्रदेश प्रभारी के इस बयान ने पायलट कैंप को नई ताकत दी है. पायलट को लेकर आलाकमान की दूरी का प्रचार अब खत्म हो गया है. जब से पायलट दिल्ली से लौटा है तब से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं कि प्रियंका गांधी ने उन्हें अप्वाइंटमेंट नहीं दिया, इसलिए उन्हें पांच दिन बाद खाली हाथ लौटना पड़ा. राहुल गांधी को लेकर चर्चा इस कदर फैली कि उन्होंने पायलट का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया. माकन के ताजा बयान ने पायलट विरोधी गतिविधियों का रुख बदल दिया है।