खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस: हरियाणा-पंजाब से पंचकूला पहुंचे 1500 किसान, शक्ति भवन के घेराव पर अड़े ज्ञापन देकर पुलिस ने रोका
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने शनिवार को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया। हरियाणा-पंजाब से पहुंचे किसानों ने पंचकूला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. इस दौरान पंचकूला की सीमा से लगने वाले मुख्य मार्ग 4 घंटे से अधिक समय तक बंद रहे.
शाम चार बजे के बाद जीरकपुर-शिमला हाईवे और पंचकूला-यमुनानगर हाईवे पर ट्रैफिक चलने लगा। इसके अलावा कुंडली और बहादुरगढ़ में दिल्ली सीमा पर खड़े किसानों ने भी विरोध किया और नारेबाजी की. पंचकूला में सुबह 11 बजे तक हरियाणा और पंजाब के करीब 1500 किसान नाडा साहिब गुरुद्वारे में जमा हुए थे.

किसान नेता चधुनी के देर से आने के कारण दोपहर 12:30 बजे सभी किसान नडा साहिब से हाउसिंग बोर्ड की ओर चल पड़े। करीब एक घंटे में किसान पंचकूला व चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड बॉर्डर से 200 मीटर पहले सेक्टर-18 मेजर संदीप सागर चौक पहुंचे। वहां किसान नेता चधुनी और योगेंद्र यादव ने किसानों को संबोधित किया और राज्यपाल एडीसी मोहम्मद इमरान रजा को ज्ञापन सौंपा.
उसके बाद दोपहर करीब ढाई बजे गुरनाम चधुनी ने बिजली बिल को लेकर शक्ति भवन का घेराव करते हुए सभी किसानों को शक्ति भवन की इमारत के बाहर पहुंचने को कहा, लेकिन पुलिस ने सभी किसानों को शक्ति भवन चौक पर रोक दिया. .
शाम 5:32 बजे खबर लिखे जाने तक सेक्टर-6 शक्ति भवन चौक पर करीब 50 किसान मौजूद थे और 5 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल किसान नेता चधुनी के साथ बिजली बिलों को लेकर अधिकारियों से मिलने शक्ति भवन जा चुका था.
सुबह 11.30 बजे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किसान नेता चधुनी और योगेंद्र यादव से बात की कि हाउसिंग बोर्ड की ओर जाते समय सिर्फ 3 ट्रॉलियां ही होंगी, जिनमें पानी और खाना होगा. इसके बाद किसान 100 से अधिक वाहनों को लेकर पहुंचे, जिनमें बस, ट्रॉली, ट्रैक्टर, कार, जीप आदि शामिल हैं.
दोपहर करीब दो बजे किसान नेताओं ने राज्यपाल के नाम एडीसी मोहम्मद इमरान रजा को ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद हरियाणा के किसानों के एक वर्ग ने नाराजगी जताई कि ज्ञापन सौंपते समय उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया. हालांकि बाद में उन किसानों को समझाकर शांत किया गया।